विदाई संभाषण प्रश्न उत्तर आरोह क्लास 11

विदाई संभाषण प्रश्न उत्तर

विदाई संभाषण पाठ के साथ

1- शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?

उत्तर – शिवशंभु के पास दो गायें थीं। एक बलवान थी जो अपने सींगों की टक्कर से दूसरी कमज़ोर गाय को गिरा देती थी। एक दिन बलवान गाय पुरोहित को दे दी गई। उसके जाने से कमज़ोर गाय खुश नहीं हुई, इसके विपरीत उस दिन उसने कुछ भी नहीं खाया। इस प्रसंग के माध्यम से लेखक ने बताना चाहा है कि भारत के आदमी तो क्या पशु-पक्षी भी बिछुड़ने के समय पर उदास हो जाते हैं। उनका मन स्वच्छ, निर्मल व कोमल है।

2- आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने ज़रा भी ध्यान नहीं दिया- यहाँ किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है?

उत्तर– उपरोक्त कथन के माध्यम से बंगाल विभाजन जैसी ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है।

3- लॉर्ड कर्जन को इस्तीफा क्यों देना पड़ गया?

उत्तर– लॉर्ड कर्ज़न का भारत के सभी छोटे-बड़े साम्राजों पर पूरा दबाव था। वह अपने एक इशारे पर तबाही मचा देता था जिसे चाहा उस शासक को समाप्त कर देता था। उसी के कारण बंगाल विभाजन हुआ था। इतने बड़े व्यक्ति को ऐसा दर्जा दिया गया कि उसकी इच्छा से सेना में एक फ़ौजी अफ़सर भी नहीं रखा गया। उसने कई लोगों को नौकरी पर रखने की सिफारिश की लेकिन एक भी नहीं रखा गया। परिणामस्वरूप गुस्से में आकर उसने इस्तीफ़ा दे दिया।

4- विचारिए तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और अब क्या हो गई! कितने ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे ! – आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर– लॉर्ड कर्ज़न को दिल्ली दरबार में बहुत अधिक सम्मान मिला। उसे दरबार में सर्वोच्च स्थान देने के साथ-साथ सभी तरह की सुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई। महाराज ने उसको अपना दाहिना हाथ समझा। राज्य के धनी लोग सबसे पहले उसे नमस्कार करते थे। किसी भी जुलूस में उसका हाथी सबसे आगे रखा जाता था। किंतु लड़ाई के बाद उससे सारी सुविधा छीन ली गई। उसका बुरी तरह से अपमान किया गया।

5- आपके और यहाँ के निवासियों के बीच कोई तीसरी शक्ति भी है- यहाँ तीसरी शक्ति किसे कहा गया है?

उत्तर – यहाँ पर तीसरी शक्ति से अभिप्राय ईश्वरीय शक्ति से है।

विदाई संभाषण पाठ के आस-पास


1- पाठ का यह अंश शिवशंभु के चिट्टे से लिया गया है। शिवशंभु नाम की चर्चा पाठ में भी हुई है। बालमुकुंद गुप्त ने इस नाम का उपयोग क्यों किया होगा?

उत्तर– ‘शिवशंभु’ बालमुकुंद गुप्त द्वारा प्रयुक्त एक काल्पनिक नाम है। यह पात्र सदा भाँग के नशे में मस्त रहता है तथा सबके सामने खरी-खरी बातेंकरता है। यह पात्र अंग्रेजों के शासन की बखिया भी उधेड़ता है। यह पोल खोलने वाला पात्र है। लेखक ने अंग्रेज सरकार के कारनामों की पोल खोलने के लिए इस पात्र की कल्पना की होगी। लेखक ने यह भी सोचा होगा की व्यंग्य- कार्टून की तरह, या ‘बुरा न मानो होली है’ की तरह इसभाँग पीने वाले पात्र की आड़ में वह सुरक्षित भी रह सकेगा। इस तरह पात्र भी लोकप्रिय होगा, शैली भी रोचक होगी और व्यंग्य की चोट भी गहरी हो सकेगी।

2- नादिर से भी बढ़कर आपकी जिद्द है- लॉर्ड कर्जन के संदर्भ में क्या आपको यह बात सही लगती है? पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।

उत्तर– जी हाँ, कर्ज़न की ज़िद नादिर से भी बढ़कर थी। एक शासक के नाते उसका कर्तव्य बनता था कि वह जन-भावनाओं का आदर करे। वह जनता की इच्छाओं का सम्मान करे तथा सदा उसके हित की सोचे। इसके विपरीत, कर्ज़न इस देश को मनमाने ढंग से चलाना चाहता था। बंगाल के आठ करोड़ लोगों ने उसके सामने गिड़गिड़ाकर प्रार्थना की कि बंगाल का विभाजन न किया जाए। किंतु उसके कानों पर जूँ भी नहीं रेंगी। इससे अच्छा और उदार तो नादिरशाह था जिसने आसिफ़शाह द्वारा क्षमा माँग लिए जाने पर तत्काल कत्लेआम रोक दिया था।

3- क्या आँख बंद करके मनमाने हुक्म चलाना और किसी की कुछ न सुनने का नाम ही शासन है? – इन पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए शासन क्या है? इस पर चर्चा कीजिए

उत्तर– शासन का अर्थ है- सुव्यवस्था या सुप्रबंध। यह सुप्रबंध जनता की सुविधा के लिए तथा उसी की इच्छानुसान किया जाना चाहिए। उसमें शासक की अपनी इच्छा या मनमानी नहीं होनी चाहिए। यदि शासक अपनी इच्छानुसार कोई परिवर्तन करना चाहता है तो उसमें प्रजा की सहमति होनी चाहिए। लोकतंत्र में तो लोक की इच्छा ही सर्वोपरि होती है।

4- इस पाठ में आए अलिफ लैला, अलहदीन, अबुल हसन और बगदाद के खलीफा के बारे में सूचना एकत्रित कर कक्षा में चर्चा कीजिए।

उत्तर- विद्यार्थी स्वयं करें।

विदाई संभाषण भाषा की बात


1. वे दिन-रात यही मनाते थे कि जल्द श्रीमान यहाँ से पधारें। सामान्य तौर पर आने के लिए पधारें शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ पधारेंशब्द का क्या अर्थ है ?

उत्तर– यहाँ ‘पधारें’ शब्द का प्रयोग व्यंजना शब्द-शक्ति के अनुरूप किया गया है। इसका अर्थ ‘प्रस्थान करने’ से है।

2. पाठ में से कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं, जिनमें भाषा का विशिष्ट प्रयोग ( भारतेंदु युगीन हिंदी) हुआ है। उन्हें सामान्य हिंदी में लिखिए

(क) आगे भी इस देश में जो प्रधान शासन आए, अंत को उनको जाना पड़ा।
(ख) आप किस को आए थे और क्या कर चले ?
(ग) उनका रखाया एक आदमी नौकर न रखा।
(घ) पर आशीर्वाद करता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर से लाभ करे ।

उत्तर

(क) इसके बाद जितने भी शासक इस देश में आए, उन्हें एक न एक दिन जाना ही पड़ा।
(ख) आप किस काम के लिए आए थे क्या उसे पूरा करके जा रहे हैं?
(ग) वे एक भी आदमी को नौकर न रखवा सके।
(घ) पर आशीर्वाद देता हूँ कि तुम फिर उन्नति करो और अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर से प्राप्त करो ।

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