चंपा काले काले अच्छर नहीं चिन्हती कविता का भावार्थ, व्याख्या, सार, प्रश्न उत्तर आरोह 1 क्लास 11

चंपा काले काले अच्छर नहीं चिन्हती कविता का भावार्थ और प्रश्न उत्तर क्लास 11 

चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती
मैं जब पढ़ने लगता हूँ वह आ जाती है
खड़ी खड़ी चुपचाप सुना करती है।
उसे बड़ा अचरज होता है:
इन काले चीन्हों से केसे ये सब स्वर
निकला करते हैं

चंपा सुन्दर की लड़की है
सुन्दर ग्वाला है: गायें – भैंसें रखता है
चंपा चौपायों को लेकर
चरवाही करने जाती है

चंपा अच्छी है
चंचल है
नटखट भी है
कभी कभी ऊधम करती है।
कभी कभी वह कलम चुरा देती है
जैसे तैसे उसे ढूँढ़कर जब लाता हूँ
पाता हूँ- अब कागज़ गायब
परेशान फिर हो जाता हूँ

चंपा काले काले अच्छर प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश कवि त्रिलोचन द्वारा रचित ‘धरती’ काव्य-संग्रह में संकलित ‘चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती’ से उद्धृत है। यहाँ कवि ने काव्य नायिका चंपा का परिचय दिया है, उसे शोषित व्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है। कवि कहता है कि

चंपा काले काले अच्छर व्याख्या – चंपा पुस्तक में लिखे काले-काले अक्षर को नहीं पहचानती है। जब मैं पढ़ने का कार्य करता हूँ तो वह मेरे कमरे में आ जाती है; जो मैं बोलता हूँ उसे सुनती रहती है। इस बात की उसे बड़ी हैरानी होती है कि पुस्तक में लिखे काले अक्षरों से इतनी आवाज़ें केसे निकलती हैं। चंपा के पिता का नाम सुंदर है जो व्यवसाय से ग्वाला है। उसके पास गाय भैंसें हैं। चंपा उन गाय-भैंसों को चराने के लिए खेतों में लेकर जाती है। चंपा एकअच्छी लड़की होने के साथ-साथ चंचल और शरारती भी है। कई बार तो वह बहुत शरारत करती है। वह कलम को चुराकर ले जाती है। काफी प्रयत्न के बाद जब उसे ढूँढ़कर कलम ली जाती है तो कागज़ को लेकर चली जाती है। फिर वह कागज़ लेने के लिए परेशान हो जाता है।

चंपा काले काले अच्छर विशेष – यहाँ कवि ने गाँव की सीधी-सादी, नटखट किंतु अशिक्षत लड़की का चित्रण किया है। उसके लिए ‘काला अक्षर भैंस बराबर’ वाली उक्तिचरितार्थ होती है। ‘काले-काले’ विशेषण के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था के अंतविरोध को उजागर किया गया है। ‘खड़ी-खड़ी’, ‘कभी-कभी’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

चंपा कहती है:
तुम कागद ही गोदा करते हो दिन भर
क्या यह काम बहुत अच्छा है
यह सुनकर मैं हँस देता हूँ
फिर चंपा चुप हो जाती है।

उस दिन चंपा आई, मैंने कहा कि
चंपा, तुम भी पढ़ लो
हारे गाढ़े काम सरेगा
गांधी बाबा की इच्छा है
सब जन पढ़ना-लिखना सीखें

चंपा ने यह कहा कि
मैं तो नहीं पढूँगी
तुम तो कहते थे गांधी बाबा अच्छे हैं
वे पढ़ने लिखने की केसे बात कहेंगे
मैं तो नहीं पढ़ूँगी

चंपा काले काले अच्छर प्रसंग -यहाँ कवि ने छोटे बच्चों के पढ़ाई के महत्त्व के प्रति अनजान और विमुखता का चित्रण करते हुए बताया है कि

चंपा काले काले अच्छर व्याख्या -चंपा कवि से अपनी अबोधता प्रकट करते हुए पूछती है कि वह सारा दिन किताबों पर क्या अंकित करता रहता है। वह यह भी पूछती हैकि क्या यह लिखने का काम बहुत अच्छा है। इतना सुनकर कवि उसकी नादानी पर हँसने लगता है। उसे हँसते देख चंपा झेंप जाती है और चुप होजाती है। एक दिन जब चंपा आई तो कवि ने उसे पढ़ने की सलाह दी। कहा कि मुसीबत के दिनों में पढ़ाई काम आती है। महात्मा गांधी की भीयही इच्छा थी कि प्रत्येक व्यक्ति पढ़ना-लिखना सीखें। चंपा कवि से कहती है कि वह तो पढ़ाई नहीं करेगी। चंपा बाल-सुलभ उत्सुकता से कहतीहै कि कवि ने ही यह बताया था कि गांधी बाबा बहुत अच्छे व्यक्ति हैं। वह पढ़ने से साफ मनाकर देती है। विशेष-यहाँ कवि ने बाल-सुलभजिज्ञासा का उल्लेख किया है। बच्चों के लिए गांधीजी को ‘बाबा’ कहकर संबोधित किया गया है। बच्चों की अबोधता एवं स्पष्टता का चित्रण किया गया है। ‘चंपा चुप’ में अनुप्रास अलंकार है। सरल, सहज भाषा है।

मैंने कहा कि चंपा, पढ़ लेना अच्छा है
ब्याह तुम्हारा होगा, तुम गौने जाओगी,
कुछ दिन बालम संग साथ रह चला जाएगा जब कलकत्ता
बड़ी दूर है वह कलकत्ता

केसे उसे सँदेसा दोगी
केसे उसके पत्र पढ़ोगी
चंपा पढ़ लेना अच्छा है !

चंपा बोली तुम कितने झूठे हो, देखा,
हाय राम, तुम पढ़-लिखकर इतने झूठे हो
मैं तो ब्याह कभी न करूँगी
और कहीं जो ब्याह हो गया
तो मैं अपने बालम को सँग साथ रखूँगी
कलकत्ता मैं कभी न जाने दूँगी
कलकत्ते पर बजर गिरे।

चंपा काले काले अच्छर प्रसंग – यहाँ कवि ने चंपा के माध्यम से पलायन के लोक अनुभवों को मार्मिकता से अभिव्यक्त किया है। चंपा जैसे व्यक्तियों के मन में भविष्य को लेकर अनजान खतरा है। कवि ने चंपा को पढ़ाई का महत्त्व बताते हुए समझाया कि

चंपा काले काले अच्छर व्याख्या – जीवन में पढ़ाई अवश्य करनी चाहिए। यह हमारे लिए बहुत लाभदायक है। जब तुम्हारा विवाह होगा और तुम ससुराल जाओगी उस समय पढ़ाई तुम्हारे काम आएगी क्योंकि तुम्हारा पति कुछ दिन तुम्हारे साथ बिताकर वापस अपने काम पर कलकत्ता चला जाएगा और कलकत्ता यहाँ से बहुत दूर है इसलिए संदेश पहुँचाने के लिए और उसके भेजे पत्र पढ़ने के लिए पढ़ना बहुत ज़रूरी है। यदि तुम पढ़ोगी नहीं तो केसे उसेअपने संदेश पहुँचाओगी और उसके भेजे पत्रों को पढ़ पाओगी। इसलिए चंपा पढ़ाई बहुत अच्छी वस्तु है।

चंपा अपनी चंचलता व्यक्त करते हुए कहती है कि वह बहुत बड़ा झूठा है। वह पढ़ा-लिखा होकर भी बहुत बड़ी झूठ बोल रहा है कि पढ़ना बहुत जरूरी है। वह कहती है कि मैं कभी विवाह नहीं करूँगी और यदि हो भी गया तो अपने पति को हमेशा अपने साथ रखूँगी। सदा उसके साथ रहूँगी।मुझे छोड़कर उसे कभी कलकत्ता नहीं जाने दूँगी। भगवान करे : कलकत्ता पर कोई बहुत भारी मुसीबत आ पड़े।

चंपा काले काले अच्छर विशेष– यहाँ कवि ने पढ़ाई को बहुत आवश्यक बताया है। काव्य की नायिका चंपा को भी पढ़ने के लिए प्रेरित किया है संवाद शैली से काव्य रोचक बन पड़ा है। लोक-भाषा के प्रचलित शब्दों का प्रयोग किया गया है। सरल, सहज एवं भावानुकूल भाषा है।

चंपा काले काले अच्छर कविता का प्रश्न उत्तर 


1- चंपा ने ऐसा क्यों कहा कि कलकत्ता पर बजर गिरे ?

उत्तर– कवि चंपा के पढ़ने की सलाह देता हुआ कहता है कि शादी के बाद जब उसका पति कलकत्ता (कोलकाता) चला जाएगा तो वह उसके पत्र पढ़ सकेगी और संदेश भेज सकेगी। इस पर चंपा कहती है कि वह अपने पति को सदा साथ रखेगी और उससे अलग करवाने वाले कलकत्ता पर कोई भारी विपत्ति आ जाए ताकि वह कभी वहाँ न जा सके।

2- चंपा को इस पर क्यों विश्वास नहीं होता कि गांधी बाबा ने पढ़ने-लिखने की बात कही होगी।

उत्तर– प्राय: बच्चे खेलना-कूदना पसंद करते हैं और पढ़ने के लिए कहने वाले को अच्छा नहीं समझते हैं। कवि ने महात्मा गांधी को अच्छा व्यक्ति बताया था और जब उनके द्वारा कही गई पढ़ने-लिखने की बात बताई जाती है तो चंपा को यह विश्वास नहीं होता कि अच्छे व्यक्ति होते हुए भी महात्मा गांधी पढ़ने-लिखने की बात कह सकते हैं।

3- कवि ने चंपा को किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?

उत्तर– चंपा गाँव की चंचल किंतु भोली-भाली लड़की है। वह शरारती है और उसमें अबोध बचपना है।

4- आपके विचार में चंपा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मैं तो नहीं पहूँगी ?

उत्तर– हमारे विचार में उस समय स्त्री को महत्त्व नहीं दिया जाता था और चंपा को भी पढ़ना अच्छा नहीं लगता था, इसलिए उसने कहा होगा कि मैं तो नहीं पहूँगी।

चंपा काले काले अच्छर का समाधान 


1- यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती, कवि से केसे बातें करती?

उत्तर– यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती तो कवि से सभ्य तरीके से बातें करती।

2- इस कविता में पूर्वी प्रवेशों को स्त्रियों की किस विडंबनात्मक स्थिति का वर्णन हुआ है?

उत्तर– इस कविता में पूर्वी प्रदेशों की स्त्रियों की अशिक्षित रखे जाने की विडंबनात्मक स्थिति का वर्णन हुआ है।

3- संदेश ग्रहण करने और भेजने में असमर्थ होने पर एक अनपढ़ लड़की की किस वेदना और विपत्ति को भोगना पड़ता है, अपनी कल्पना सेलिखिए।

उत्तर– संदेश ग्रहण करने और भेजने में असमर्थ होने पर एक अनपढ़ लड़की को शर्म और अपमान जैसी वेदना और विपत्ति को भोगना पड़ता है।

4- त्रिलोचन पर एन०सी०ई०आर०टी० द्वारा बनाई गई फ़िल्म देखिए ।


उत्तर– विद्यार्थी निर्धारित फिल्म देखें।

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